Risks of Cancer: तेज आंच पर पका खाना खाते हैं तो सावधान हो जाइए, यहां भी है कैंसर का खतरा
Risks of Cancer: आपके लिए यह जानना जरूरी है कि कैसे सीधे आंच पर बना खाना किसी को कैंसर का मरीज बना सकता है. इससे बचने के क्या ऊपाय हैं और कैसे सीधे आंच पर पकाए बिना खाने को हेल्दी और टेस्टी बना सकते हैं.
तेज आंच पर पका खाना बन सकता है कैंसर का कारण. (प्रतीकात्मक तस्वीर: freepik)
तेज आंच पर पका खाना बन सकता है कैंसर का कारण. (प्रतीकात्मक तस्वीर: freepik)
Risks of Cancer: रसोई गैस पर एक नई रिसर्च डराने वाली है. अब तक की रिसर्च यह कहती थी कि इससे निकलने वाली गैस बच्चों और महिलाओं को अस्थमा का मरीज बना रही है, मगर ताजा रिसर्च ये कहती है कि सीधे गैस पर रोटी सेंकने या कुछ भी सीधे गैस की आंच पर बनाने से कैंसर भी हो सकता है. आपके लिए यह जानना जरूरी है कि कैसे सीधे आंच पर बना खाना किसी को कैंसर का मरीज बना सकता है. इससे बचने के क्या ऊपाय हैं और कैसे सीधे आंच पर पकाए बिना खाने को हेल्दी और टेस्टी बना सकते हैं.
रोटी बनाए जाने के तरीके पर उठ रहे सवाल
रोटी, हमारे खाने का सबसे अहम हिस्सा. हमारे रोजमर्रा के संघर्ष की सबसे बड़ी वजह है- दो जून की रोटी. इस पर न जाने कितनी कहानियां, कविताएं लिखी जा चुकी हैं, न जाने कितनी फिल्में बन चुकी हैं. गरम-गरम रोटी की भीनी-भीनी खुशबू किसे अच्छी नहीं लगती. मगर जिस तरह से आजकल रोटी बनायी जा रही है, उस पर ही सवाल उठने लगे हैं. Journal Environmental Science & Technology की एक रिपोर्ट के मुताबिक हम जिस तरह से रोटी बनाते हैं वो हमें बीमार कर सकती है और कोई छोटी-मोटी बीमारी नहीं, ये हमें कैंसर का मरीज बना सकता है.
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हाल ही में जर्नल Nutrition and Cancer में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उच्च तापमान पर बना खाना कार्सोजेनिक्स को पैदा करता है. मगर सवाल उठता है कि रोटी को सीधे आंच पर सेंकना चाहिए या नहीं? इसे हम विस्तार से समझते हैं. फूड स्टैंडर्ड ऑफ ऑस्ट्रेलिया एंड न्यूजीलैंड यानी FSANZ की एक रिपोर्ट के अनुसार जब टोस्ट गैस की फ्लेम के सीधे संपर्क में आती है, तो एक्रिमालाइड नामक केमिकल पैदा करती है. ये केमिकल शुगर और कुछ तरह के अमीनो एसिड के एक साथ गरम होने से पैदा होता है. गेहूं के आटे में कुछ नेचुरल शुगर और प्रोटीन होता है, जिसे अगर सीधे आंच पर गर्म किया, तो कार्सिनोजेनिक केमिकल पैदा हो सकते है, जो हमारे लिए सुरक्षित नहीं है. हालांकि हम आपको ये भी बता दें कि फूड स्टैंडर्ड ऑफ ऑस्ट्रेलिया एंड न्यूजीलैंड की ये रिपोर्ट टोस्ट के बारे में थी. रोटी में भी गेहूं का ही इस्तेमाल होता है इसलिए हो सकता है कि कि ये तथ्य रोटी पर भी लागू होते हों.
अस्थमा से आगे जा रही है बात
अब तक के रिसर्च के मुताबिक, जब मीट, बीफ, मछली, या पोल्ट्री सहित मांस को उच्च तापमान का प्रयोग करके पकाया जाता है, तो ये कार्सिनोजेनिक हो जाता है और कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. दरअसल मीट को तेज आंच पर पकाने से उसमें हेटेरोसिक्लिक अमाइंस और पोलीसिक्लिस एरोमैटिक हाइड्रोकॉर्बन निकलते हैं, ये दोनों चीजें कार्सोजिन है. पोलीसिक्लिस एरोमैटिक हाइड्रोकॉर्बन से लन्ग, स्किन, ब्लैडर का कैंसर हो सकता है.
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एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि जो लोग हैमबर्गर ज्यादा खाते हैं, उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका 79% अधिक होती है. यही नहीं जो लोग तेज आंच पर पका मीट ज्यादा खाते हैं उन्हें कोलन कैंसर होने की आशंका ज्यादा होती है. Journal Environmental Science & Technology की ही एक रिपोर्ट के मुताबिक गैस स्टोव जलने पर कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं, अब तक था कि इससे अस्थमा होने की आशंका रहती है. ये गैसेज सांस और दिल की बीमारियों का खतरा पैदा करते हैं. मगर अब बात अस्थमा से बहुत आगे जाती दिख रही है.
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04:50 PM IST